| 1. | ● क़र्ज़ देकर एक व्यक्ति किसी ज़रूरतमंद आदमी को चोरी, ब्याज और भीख मांगने से बचा लेता है।
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| 2. | ● क़र्ज़ देकर एक व्यक्ति किसी ज़रूरतमंद आदमी को चोरी, ब्याज और भीख मांगने से बचा लेता है।
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| 3. | ● क़र्ज़ देकर एक व्यक्ति किसी ज़रूरतमंद आदमी को चोरी, ब्याज और भीख मांगने से बचा लेता है।
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| 4. | तथा इन्हों ने काफिरों के साथ सूद का कारोबार करना वैध घोषित किया है, और ज़रूरतमंद आदमी का हराम लॉटरी के टिकट
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| 5. | इस बीच अगर गड़चिरोली, कोंकण या सोलूर-सांगली से कोई ज़रूरतमंद आदमी आ जाता है तो उस पर मंत्रियों की चमचामंडली टूट पड़ती है.
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